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Saturday, December 8, 2012

नज़म - आप मिलो तो सही

साथ आपका अगर रहे तो दोंनों जहां हम भुला देंगे, आप मिलो तो सही,
इस जहां के अंदर ही इक नया जहां हम बसा लेंगे, आप मिलो तो सही।

ज़िंदगी के सफ़र में एक हमसफ़र का साथ होना निहायत ही लाज़मी है,
हमसफ़र बन जाओ, आपको दिल में हम सजा लेंगे, आप मिलो तो सही।

आप अगर साथ देने का वादा करो तो फिर इस ज़माने का हमें क्या डर,
तमाम दुनियां की मुखालफ़त झेलकर हम भुला देंगे, आप मिलो तो सही।

वफ़ा परस्ती हमारा शोबा और इकरार-ए-वफ़ा शौक़ आपका तो क्या ग़म,
ग़ैरों से हमें मतलब क्या, एक दूजे से हम निभा लेंगे, आप मिलो तो सही।

सादादिली हमारी तो जगज़ाहिर है, यह एक ही नज़र में आप जान जाओगे, 
आंखों ही आंखों में बात दिल की आपको हम बता देंगे, आप मिलो तो सही।

एक बहुत ही मशहूर कहावत है जग में कि एक हाथ दूसरे हाथ को धोता है,
आप और हम दोनों मिल जाएं तो सब ग़म मिटा देंगे, आप मिलो तो सही।

लबों पर हो आराइश हंसी की और फूलों की मानिंद मुस्कुराहट हो चेहरे पर,
फिर देखो, आपकी खातिर जान तक भी हम लुटा देंगे, आप मिलो तो सही।

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